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शीर्षक:चौखट पलकों की चौखट पर ख्वाब टकटकी लगाए हैं रहते नैन भी नींद के आगोश में जाने इंतज़ार किए हैं रहते। तन्हाई के आलम में अक्सर यादों के चुभते हैं शूल, ...